कृषि विज्ञान केंद्र में फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम बारे समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उप कृषि निदेशक डा. सुखदेव सिंह सहित कृषि विभाग के सभी अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा भाग लिया।
उप कृषि निदेशक डा. सुखदेव सिंह ने सभी कर्मचारियों/अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण रूप सें प्रतिबंध लगाना सुनिश्चित करें, सभी गांव में मुनादी करवाएं, किसानों को मीटिंग कैंप आदि आयोजित करके धान की पराली न जलाने बारे प्रोत्साहित करें व पराली जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों बारे किसानों को जागरूक करें।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त जिला के सभी स्कूलों में प्रार्थना सभाओं में पराली प्रबंधन बारे जानकारी देंगे, शपथ दिलाएंगे व विद्यार्थी के माध्यम से गांव में प्रभात फेरी भी निकलवाना सुनिश्चित करेगें। उन्होंने बताया कि पराली को जलाने से भूमि की उपजाऊ शक्ति भी कम हो जाती है व जमीन के सूक्ष्म जीव भी खत्म हो जाते है। पराली प्रबंधन के लिए हरियाणा सरकार द्वारा केवल पंजीकृत गौशाला में पराली एकत्रित करने के लिए परिवहन प्रोत्साहन राशि 500/- रुपये प्रति एकड़ तथा अधीकतम 15000/- रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रति गौशाला दी जाएगी। हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को खेत में धान की पराली को मिटट्ी में मिलाने व गांठे बनाने हेतू भी 1000/- रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी जिसके लिए किसानों को पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि धान की पराली में आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए गांव, खंड, उपमंडल स्तर व जिला स्तर पर टीमों का गठन कर दिया गया है जिसमें गांव के सरंपच, नंबरदार, पटवारी, ग्राम सचिव व कृषि विभाग के कर्मचारी/अधिकारी शामिल हैं, जिन्हे दिशा निर्देशानुसार ड्यूटी का निर्वहन करने बारे आदेश दिए गए। यदि कोई किसान फसल अवशेषों में आगजनी करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी तथा उसके मेरी फसल-मेरा ब्यौरा रिकॉर्ड में रेड एंट्री अंकित कर दी जाएगी जिस कारण वह किसान अगले दो सीजन तक ई-खरीद के माध्यम से मंडी में अपनी फसल की बिक्री नहीं कर पाएगा। जिला के सभी किसानों से अपील की कि किसान अपने खेतों में धान की पराली को न जलाए व सरकार द्वारा पराली प्रबंधन के लिए दी जाने वाली स्कीमों का लाभ उठांए। बैठक में कपास फसल व फसल कटाई प्रयोग बारे भी समीक्षा की गई।
बैठक में विषय-विशेषज्ञ डा. राकेश, तकनीकी सहायक डा. जोगेन्द्र व डा. दिनेश, सभी खंड कृषि अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी, बीटीएम, एटीएम व कृषि सुपरवाइजर द्वारा भाग लिया गया।
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