हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों, कर्मचारियों को जरूरी हिदायतें जारी की हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि कर्मचारियों द्वारा आदर्श चुनाव आचार संहिता की पालना सुनिश्चित करने बारे हिदायतें जारी की गई हैं। इन हिदायतों के अनुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी राजनीतिक दल या राजनीति में भाग लेने वाले किसी संगठन का न तो सदस्य हो सकता है और न ही इनसे संबंध रख सकता है। कोई सरकारी कर्मचारी मतदाताओं को प्रभावित करने की किसी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकता है। इसके अलावा सरकारी कर्मचारी अपने व्यक्तिगत वाहन अथवा रिहायशी मकान पर भी मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किसी भी प्रकार का चुनाव चिन्ह नहीं लगा सकता है और न ही कोई सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रचार में भाग ले सकता है। किसी भी कर्मचारी का उक्त गतिविधियों में शामिल होना पाया जाता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी संपत्ति पर वॉल पेंटिंग की अनुमति नहीं होगी
सिरसा जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त शांतनु शर्मा ने बताया कि विधानसभा चुनाव-2024 के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता को जिला में प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। सार्वजनिक संपत्ति यानी सरकारी और अर्ध सरकारी संपत्ति पर चुनाव से संबंधित वॉल पेंटिंग करने की पूरी तरह से मनाही रहेगी। ऐसा करने के आरोपी के विरुद्ध डिफेसमेंट ऑफ पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
निजी भवन पर भी पोस्टर आदि लगाने से पहले भूस्वामी की लेनी होगी अनुमति
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान जिला में आदर्श आचार संहिता की पालना के लिए अधिकारियों की गठित की गई सर्विलेंस टीमों को निर्देश दिए गए हैं कि कहीं सरकारी भवन की दीवार पर चुनावी नारे लिखे नजर आते हैं तो संबंधित राजनीतिक पार्टी या लिखवाने वाले कार्यकर्ता के खिलाफ संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाए। ऐसे मामलों में पूरी सख्ती बरती जाएगी। उन्होंने कहा कि निजी संपत्ति पर वॉल पेंटिंग करने के लिए संपत्ति मालिक की लिखित में पूर्व अनुमति लेना जरूरी है। निजी संपत्ति पर वॉल पेंटिंग करने वाले पेंटर को अपना नाम व मोबाइल नंबर भी पेंटिंग के नीचे लिखना होगा। उन्होंने कहा कि किसी निजी भवन पर पोस्टर, झंडे, नारे लिखवाने, बैनर लगाने के लिए भवन मालिक की अनुमति नहीं ली गई है तो उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सरकारी कर्मचारी चुनाव एजेंट बना तो होगी कानूनी कार्रवाई
आदर्श आचार संहिता के दौरान कोई भी कर्मचारी जोकि सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं, वह किसी भी पार्टी या उम्मीदवार का चुनाव एजेंट नहीं बन सकता। यदि कोई कर्मचारी ऐसा करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ चुनाव आचार संहिता की उल्लंघना के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। यह जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त शांतनु शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि विधानसभा आम चुनाव 2024 की घोषणा के साथ ही आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो चुकी है। इसकी पालना करना आम जनता के साथ-साथ सरकारी सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों का भी कर्तव्य है। चुनाव आदर्श आचार संहिता के तहत सरकारी सेवा में कार्यरत कर्मचारी उम्मीदवार के चुनाव एजेंट, पोलिंग एजेंट या काउंटिंग एजेंट के तौर पर कार्य नहीं कर सकता है। यदि कोई कर्मचारी ऐसा करता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कारावास व जुर्माना दोनों का प्रावधान है।
चुनाव आचार संहिता की पालना बारे कर्मचारियों को हिदायत जारी
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि कर्मचारियों द्वारा आदर्श चुनाव आचार संहिता की पालना सुनिश्चित करने बारे हिदायतें जारी की गई हैं। इन हिदायतों के अनुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी राजनीतिक दल या राजनीति में भाग लेने वाले किसी संगठन का न तो सदस्य हो सकता है और न ही इनसे संबंध रख सकता है। कोई सरकारी कर्मचारी मतदाताओं को प्रभावित करने की किसी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकता है। इसके अलावा सरकारी कर्मचारी अपने व्यक्तिगत वाहन अथवा रिहायशी मकान पर भी मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किसी भी प्रकार का चुनाव चिन्ह नहीं लगा सकता है और न ही कोई सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रचार में भाग ले सकता है। किसी भी कर्मचारी का उक्त गतिविधियों में शामिल होना पाया जाता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक दल या उम्मीदवार चुनाव प्रचार के लिए बिना अनुमति के नहीं प्रयोग कर सकते लाउड स्पीकर
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त शांतनु शर्मा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा आम चुनाव की घोषणा कर दी गई है और चुनाव की घोषणा के साथ ही जिला में आचार संहिता लागू हो गई है। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार कोई भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार या पार्टी समर्थक चुनाव प्रचार-प्रसार के लिए बिना अनुमति के लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं कर सकता।
सुबह 06 बजे से रात 10 बजे तक प्रचार के लिए प्रयोग कर सकते हैं लाउडस्पीकर
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि अधिक ध्वनि पर लाउडस्पीकर का अंधाधुंध और निर्बाध उपयोग करने से लोगों को परेशानी के साथ-साथ शांति भंग होने का खतरा रहता है, इसलिए संबंधित राजनीतिक दल या उम्मीदवार चुनाव प्रचार-प्रसार के लिए अधिक ध्वनि में लाउडस्पीकर का प्रयोग न करें। उन्होंने बताया कि अनुमति के साथ ही सुबह 06 बजे से रात 10 बजे तक लाउडस्पीकर का प्रयोग किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान अत्यधिक ऊंची आवाज में लाउडस्पीकर का अंधाधुंध तथा अनियंत्रित प्रयोग से शांति तथा सौहार्द को भंग कर सकता है, जिससे आम जनता, बीमार व्यक्तियों तथा विशेष रूप से विद्यार्थियों को परेशानी हो सकती है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल, उम्मीदवार और कोई भी अन्य व्यक्ति जो चलती गाड़ी या किसी निश्चित स्थान पर लाउडस्पीकर का उपयोग करते हैं, उन्हें जिला निर्वाचन अधिकारी या संबंधित रिटर्निंग अधिकारी से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
उन्होंने बताया कि सभी राजनीतिक दल, उम्मीदवार और कोई भी अन्य व्यक्ति जो चलती गाड़ी/वाहनों पर लाउडस्पीकर का उपयोग करते हैं, जिनमें ट्रक, टेम्पो, कार, टैक्सी, वैन, तिपहिया वाहन, स्कूटर, साइकिल रिक्शा/ई-रिक्शा आदि शामिल हैं, का उपयोग करने के लिए उन वाहनों की पंजीकरण पहचान संख्या डीईओ/संबंधित आरओ को सूचित करेंगे और वाहनों की ऐसी पंजीकरण पहचान संख्या दी गई परमिट पर इंगित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि चुनाव प्रचार या किसी सार्वजनिक बैठक के लिए उपयोग किए जाने वाले लाउडस्पीकर रात 10.00 बजे से शाम 06.00 बजे के बीच इस्तेमाल नहीं किए जाएंगे। इसके अलावा मतदान समाप्ति के लिए निर्धारित समय से 48 घंटे की अवधि के दौरान तथा मतदान समाप्ति के बाद भी किसी भी प्रकार के वाहन पर या किसी अन्य तरीके से लगे लाउडस्पीकर का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी। नियमों की उल्लंघना करने वाले के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
विधानसभा आम चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग के निर्धारित सीमा में ही खर्च करें उम्मीदवार
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त शांतनु शर्मा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के निष्पक्ष, स्वतंत्र और शांतिपूर्ण संचालन के लिए कि उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को चुनावी खर्च बारे दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने निर्देश दिए है कि चुनाव के दौरान प्रचार-प्रसार पर किए जाने वाले खर्च भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार ही किया जाए।
उम्मीदवारों के नकदी निकासी पर रखी जाएगी कड़ी निगरानी
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों व राजनीतिक दलों द्वारा किए जाने वाले खर्च व नकदी निकासी पर कड़ी नजर रखें। उन्होंने कहा कि विधानसभा आम चुनाव के दौरान प्रमुख रेलवे स्टेशनों, होटलों, फार्म हाउस, हवाला एजेंटों, वित्तीय दलालों, नकद कूरियर और अघोषित नकदी की आवाजाही के लिए इस्तेमाल की जाने वाली अन्य संदिग्ध एजेंसियों/व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी रखें और आयकर के प्रावधान के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करें।
राजनीतिक दल या चनाुव लड़ रहे उम्मीदवार सरकारी रेस्ट हाउस, डाक बंगला व सरकारी मकान का नहीं कर सकते प्रयोग
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त शांतनु शर्मा ने कहा कि आदर्श आचार संहिता के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा किसी भी सरकारी रेस्ट हाउस, डाक बंगला और सरकारी मकान का प्रयोग नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकारी गेस्ट हाउस आदि के परिसर में राजनीतिक दलों के सदस्यों द्वारा बैठके भी नहीं की जाएंगी। किसी भी व्यक्ति को 48 घंटे से अधिक समय के लिए कमरा उपलब्ध नहीं करवाया जाएगा। हालांकि, मतदान समाप्ति से 48 घंटे पहले से मतदान प्रक्रिया पूरी होने तक ऐसे स्थान पर रोक रहेगी। इसके अलावा जिला निर्वाचन अधिकारी की पूर्व स्वीकृति के बिना कोई भी विश्राम गृह/सर्किट हाउस या डाक बंगला आदि बुक नहीं किया जाएगा।